मनोज ने घर चलाने के लिए पालतू कुत्तों को घूमना स्टार्ट किया जहां उसे ₹400 महीने के मिलते थे.
मनोज की दिल्ली में पढ़ाई के दौरान श्रद्धा से मुलाकात हुई जिनसे मनोज अंग्रेजी पढ़ता था
मनोज ने यूपीएससी के चार अटेम्प्ट दिए जिन में दो में उसने मेंस क्लियर किया लास्टअटेम्प्ट में मनोज के जीवन के सारे संघर्ष पूरे हुए
मनोज ने हमें सिखाया कि चाहे किसी भी परिस्थिति हो हमें अपना लक्ष्य एकदम क्लियर रखना चाहिए
इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि अगर आप ठान ली तो कुछ भी संभव नहीं है लाइब्रेरी में काम करने, आटे की चक्की काम करने, बर्तन धोना , कुत्तों को घुमाना, यह काम करना हमें सिखाता है कि "हारा वही जो लड़ा नहीं".