10th Fail: संघर्ष करने वालों की कभी हार नहीं होती यह बात को सच करके दिखाया है। यूपी के एक लड़के कासिम ने अपने पिता के ठेले पर Biryani और हलीम बेचा करते थे। और ठेले पर जूठी प्लेटें धोते थे। लेकिन किसको पता था की ऐसा लड़का एक दिन का बिल जज बनकर देश की सेवा करेगा। आईई हम आपको बताते हैं। ऐसे नौजवान की कहानी जो रियल लाइफ में सक्सेस स्टोरी बनाते हैं लोगों को संघर्ष करने के लिए हौसला देते हैं बने रहिए हमारे साथ इस आर्टिकल में अंत तक
Table of Contents
10th Fail Biryani बेचकर कर गुजारा किया
माना जाता है, कि वक्त कभी स्थिर नहीं रहता। जज की परीक्षा पास करने वाले कासिम और उनके परिवार के जीवन में भी परिवर्तन आने वाला है। ठेले में कभी जूठे बर्तन धोने वाला लड़का एक दिन न्यायाधीश बनकर लोगों को न्याय दिलाने में मदद करेगा, ऐसा किसने सोचा होगा? ऐसी कहानी भी सच होती है जिसका पता हमें कासिम की रियल लाइफ को देखकर पता चला है।
यारों, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो, कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता..।ये पंक्ति यूपी के संभल से पीसीएस जे में विजेता, 29 वर्षीय कासिम पर सटीक बैठती है। अब से कुछ साल पहले, कासिम खुद ठेला लगाकर हलीम को बचाते थे। उनका बचपन पिता के ठेले पर गंदी प्लेटे धोने में बीता है। कासिम ने 135 की रैंक हासिल करके यूपी का नाम और गौरव बढ़ाया है लेकिन कुछ वर्षों में ही परिस्थिति बदल गई, जिससे कासिम ने अपने परिवार और साहस का नाम रोशन किया है।
Also Read 12th Fail: जाने कौन है 12th Fail मनोज शर्मा रियल लाइफ में
Also Read Sam Bahadur: क्या आप जानते हैं कौन है सैम बहादुर और रियल लाइफ में आर्मी मैन की कहानी
Biryani और हलीम कटेला
ठेला लगाकर अपने परिवार की गुजर बसर में साथ निभाने वाले कासिम ने अब अपनी मंजिल पा ली है, अपनी मां से मोटिवेट होकर। संभल के नखासा थाना क्षेत्र के रुकनुद्दीन सराय में रहने वाले 29 वर्षीय मोहम्मद कासिम ने यूपी लोक सेवा आयोग की ज्यूडिशियल परीक्षा में अपना नाम घोषित होने पर खुशी से फूला नहीं समाया। हर कोई उनके परिवार को बधाई दे रहा है। पीसीएस जे में चयन के बाद परिवार और पूरा इलाका खुश है। कासिम के भाई बहन और परिजन घर में मिठाईयां खिलाकर बधाई देने में लगे हैं।
इसलिए, कासिम के चयन को लेकर स्थानीय लोग भी बहुत उत्साहित हैं। कासिम की आंखे नम हो रही हैं जब वह ठेला लगाने से लेकर जज बनने तक के अपने और परिवार के तमाम संघर्षों और मुसीबत के उन पलों को याद करता है, लेकिन अब उन पर सफलता के आंसू भारी हैं।
किसी ने सच ही कहा है, कि हारता वही है जो अपनी जिंदगी में लड़ता नहीं है। अगर इंसान चाहे तो वह अपनी जिंदगी में कुछ भी हासिल कर सकता है जिसके लिए उसकी लगन और मेहनत की जरूरत होती है। अगर वह पूरे मन से और तन से किसी चीज को चाहे तो बिल्कुल पूरा कर सकता है। आपने ऐसे कई एग्जांपल देखे होंगे आईपीएस कलेक्टर और जज बनते हुए लोगों को जो बिल्कुल ही गरीब परिवार और संघर्ष करके अपना कैरियर बनाते हैं। ऐसे लोगों को वक्त याद करता है जो भविष्य खुद बनाते हैं कासिम भी अपने संघर्ष के पदोलत आज एक न्यायाधीश के पद पर है।
Also Read 12th Fail: IPS ऑफिसर पर बनी फिल्म हुई ऑस्कर के लिए सलेक्ट
Also Read Sam Bahadur: क्या आप जानते हैं कौन है सैम बहादुर और रियल लाइफ में आर्मी मैन की कहानी